नगराध्यक्ष पद के लिए वाईल्ड कार्ड एंट्री से भाजपा के निष्ठावन्न कार्यकर्ताओं में बढ़ने लगी नाराजी
2025-11-21 12:09:38
भाजपा में गरमाने लगी नगराध्यक्ष पद को लेकर सियासत
टिकट पाने भाजपा में सक्रियता होने की अपेक्षा कर रहें कार्यकर्ता
गड़चिरोली.
मंगलवार की शाम राज्य चुनाव आयोग ने जैसे ही नगर परिषद व नगर पंचायत चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू की, वैसे ही गड़चिरोली नगर परिषद के गलियारे में चुनावी सरगर्मियां अपने चरम पर पहुंच गयी है। भाजपा खेमे ने अब तक गड़चिरोली नगर परिषद के लिए नगराध्यक्ष पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की हैं, लेकिन इस पद के लिए प्रणोति निंबोरकर व रीना चिचघरे की वाईल्ड कार्ड एंट्री होने से होने और ऐसे नौसीखे उम्मीदवारों का भाजपा में प्रवेश होने से अब पार्टी के ही निष्ठावन्न और वर्षों से कार्य कर रहें नेताओं समेत पदाधिाकरियों व कार्यकर्ताओं में नाराजी व्यक्त की जा रहीं है। आगामी पांच दिनों में चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया आरंभ होगी, लेकिन गड़चिरोली के भाजपा हाईकमान द्वारा पार्टी के वरिष्ठ और निरंतर कार्य कर रहें उम्मीदवारों की ओर किसी तरह का ध्यान नहीं दिये जाने से कार्यकर्ताओं में नाराजी का सुर स्पष्ट रूप से सुनाई दे रहा है। इतना ही नहीं नगराध्यक्ष पद का टिकट पाने के लिए पार्टी में सक्रियता होने की अपेक्षा भी अब कार्यकर्ताओं द्वारा व्यक्त की जा रहीं है।
न्यूज हलचल ने इसके पूर्व ही भाजपा के निष्ठावन कार्यकर्ताओं के कार्य और नगराध्यक्ष पद पर उनकी दावेवारी को पेश किया था। लेकिन अब निष्ठावन कार्यकर्ताओं को ही अपनी सीट पाने के लिए भाजपा से जद्दोजहद करने की नौबत आन पड़ी है। भाजपा में सक्रिय पदाधिकारी के रूप में प्र्रमोद पिपरे और उनकी पत्नी पूर्व नगराध्यक्ष योगीता पिपरे परिचित है। नगराध्यक्ष पद के कार्यकाल में योगीता पिपरे ने शहर विकास को लेकर कई अहम फैसले लिये। लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने उन्होंने निरंतर रूप से कार्य किया। लेकिन अब भाजपा पार्टी से किसी भी रूप में कोई संपर्क न रखने वाले पदाधिकारी भी नगराध्यक्ष पद की सीट के लिए भाजपा में प्रवेश करने लगे है। सर्वज्ञात हैं कि, हाल ही में ठेकेदार संगठन के सागर निंबोरकर की पत्नी प्रणोति निंबोरकर ने भाजपा में प्रवेश किया। वहीं भारतीय स्टेट बैंक की शाखा की प्रबंधक रीना चिचघरे ने भी सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा का दुपट्टा धारण किया। इस पक्ष प्रवेश से भाजपा खेमे के ही निष्ठावन कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों में नाराजी के सूर सुनाई देने लगे है। जिस कार्यकर्ता अथवा पदाधिकारी ने हर प्रकार के चुनाव में अपनी निष्ठा से कार्य किया हैं, ऐसे नेताआंे को नगराध्यक्ष पद की उम्मीदवारी देने के बजाए जिस व्यक्ति का राजनैतिक क्षेत्र से कोई संबंध नहीं हैं, ऐसे व्यक्ति का नगराध्यक्ष पद की सीट के लिए विचार करना कितना योग्य हैं? ऐसा सवाल अब भाजपा के ही कार्यकर्ताओं द्वारा ही पूछा जा रहा है।
देश में भाजपा की सरकार की हैं। भाजपा एक ऐसी पार्टी हैं जो कार्यकर्ताओं का ध्यान रखती है। जिसकी जितनी योग्यता, उसे उतना स्थान देने का कार्य भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी करते है। भाजपा ने अब तक अपने निष्ठावन कार्यकर्ताओं काे कभी भी नजरअंदाज नहीं किया है। कार्यकर्ताओं की मेहनत के कारण ही आज भाजपा देश की नंबर वन पार्टी बन पायी है। लेकिन गड़चिरोली में भाजपा के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले पदाधिकारियों को नजरअंदाज कर नाैसीखे कार्यकर्ताओं के प्रवेश पर अधिक ध्यान दिये जाने से असल में कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों में नाराजी व्यक्त की जा रहीं है। जिसके चलते आगामी नप चुनाव में भाजपा को कितनी सफलता मिलेगी, यह देखना भी रोचक होगा।
